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वीते हुऐ पल को किस्सा बनाले, आने वाले कल को हिस्सा बनाले।। बहुत कुछ खोया हमनें, बहुत कुछ पाया हमने, वक्त के रेत पर आओ, निसान बना चले।। हादसो से नम थी आँखे, उङान से मुस्कान थी आँखे, विश्व पर एक छाप, मंगलयान छोङ चले।। वीते हुऐ पल को किस्सा बनाले। आने वाले कल को हिस्सा बनाले।। जंग लगी पतवार को छोङ, जनमत एक छत्र राज, नई पतवार पर दृड यकीन, शत्रु भी मित्र बना चले।। उंमगो से भरा सैलाव, विश्वास का जन पृतीक मोदी, हो सच सबका स्वप्न, हर वर्ग की आस बँधे।। वीते हुऐ पल को किस्सा बनाले। आने वाले कल को हिस्सा बनाले।। अत्याचार पर कब अंकुश, ? नारीत्व के मान पर कब अंकुश ? वालपन के शोषण पर कब अंकुश? ये पृश्न चिन्ह कब हटे।।। इकलाव की आवाज बुंलंद, दुष्टो का कब होगा संघार? फाईलो में कब से दफन राज, ये?कब हटेगे पर्दे।। वीते हुऐ पल को किस्सा बनाले। आने वाले कल को हिस्सा बनाले।। मुरझाये चहरे पर मुस्कान लानी, भटके राह को राह दिखानी, सबके सुख दुख को साझाँ करने, आओ संपथ कर चले।। छोङ रहे हे किस्से अपने, सबसे जोङने हिस्से अपने, नये साल का स्वागत करे, चलो संपथ कर चले।। वीते हुऐ पल को किस्सा बनाले। ङआने वाले कल को हिस्सा बनाले।।
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