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रूद्धन की करूण पुकार,दामिनी शी गर्जन हुकार!! मोम सा अक्षम चिन्तम,मृग सा चितमय चंचल!! अश्रु की धारा,,अश्रु मनमोहिनी!! मन पर किया एक छत्र राज,अश्रु की धारा जनंआधार!! सभ्य असभ्य सबका सार,अश्रु की परिभाषा निधान! कपटो का माया जाल,अश्रु बना हे संचार!! जनहित में पाणी ख्याति,माया अश्रु की रचवाती!! अश्रु की धारा, अश्रु मनमोहिनी!! हृदय में द्वेश पाले,हर प्रहर विष घोले!! मर्णासन पर अश्रु बहाये,शुभचिन्तक हम हे प्यारे!! अश्रु सत्य की साक्षी,व्योग की अद्भुत कहानी!! विदाई का मूल्य अश्रु जानी,सीच के मायका प्रिय घर जानी! अश्रु मनमोहिनी, जग को क्रीणा दिखायें!! प्रेम यगुल का विछोब पीणा,अश्रु सखा हितकर जानी!! हृदय से विगुल फूटकर,अश्रु श्रुत करी बखानी!! अश्रु की धारा पत्थर मन पिघले,हृदय के भार करे हल्के!! अश्रु की धारा हर हर गंगे,सच्ची प्रीत अश्रु जन जन जाने!! अश्रु मनमोहिनी, जग को क्रीणा दिखाये!! मूल्य से अनमोल अश्रु धारा!! रंक का स्वाभिमान बना!!! कपटो का संचार बना!!!! व्योग का अमृत बना!!!!! अश्रु सबका हमराज बना!!!!!!
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