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माँ के आचल की छाँव,पिता का दुलार!! जग से मिलाया, करूँ वदना बार बार,,,,, श्रृजन हो पालन हार, गुरू भी मित्र भी!! बृह्रमाण्ड का सार,करूँ वदना बार बार,,,, लहु देके सींचा माँ,डर को जीत बनाया पिता!! वचपन का हर पल,आपका था सहारा!! अश्को की करूण पुकार,कैसे समझी हृदय पुकार!! हर जिद्द को किया पूरा,करू वंदना बार बार!! सच का आयना दिखाकर,वचपन था आपसे हमारा!! दुनिया थी पराई हमारी,वक्त बदला रंग बदले!! जिदंगी के ढग बदले!! करूँ बदना बार बार,,,,,,,,,, आई जवानी दुनिया में खोया,आपकी हर बात कडवी दवा!! सपनो को अपना समझा,आपका निर्णय लगता गलत!! आज समझा आप शुभचिन्तक,दुनिया के रंग महा ठग!! न होता भविष्य उज्ज्वल,करूँ वदना बार बार,,,,,,,,,,, जब खुद मां वाप वनते,तब समझे हे पीणा!! बच्चे होते हे चक्षु,देखते हे उनसे संसार!! मां हे धरा,पिता हे आकाश!! हमने देखा संसार, करू वदना बार बार,,,,,,,,,,,,
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