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“दिल की तमन्ना”

साहित्य दर्पण
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हर दिल की तमन्ना हैं,हर दिल की ख्आईश है,

हर दिल की आरजू है,मेरा सपना सच हो,

मेरा अपना कल हो………………………

में गुम हूँ अधेरो में ,में भी रोशन हूँ,,,,,,

हर दिल की तमन्ना है…………………

में डाल पर खिलते फूलो का अफसाना हूँ,

मेरा भी एक मुकाम हो,

में भीङ का मुसाफिर हूँ,,,……………

अपना भी कोई पता हो,,,,,

मै वारिस का पाणी हूँ,……………

मेरा भी कोई ठिकाना हो…………

मै सपनो की दुनिया में खोया हूँ,

सपना सच हो अपना हो…………

हर दिल की तमन्ना है…………………

कोई चाहता दौलत है, कोई चाहता शोहरत है,

कोई चाहता प्रीत है, कोई चाहता बस एक में हूँ,

कोई प्रेम से करना चाहता राज,

कोई नफरत से भरता हैं डर,

कोई छुप छुप के करता है,

कोई सरे आम करता है,

हर दिल की तमन्ना है…………………

कितनो का सपना जुनून है,

कितनो का सपना पूजा है,

कितनो का टूटता सपना जख्म है,

कितनो का निखरता सपना शब्द है,

कोई जलता सपनो से,,,,,,,,,,,,

कोई होता सपनो से खुश……

हर दिल की तमन्ना है……………………

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