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उम्मीद की आस

साहित्य दर्पण
साहित्य दर्पण
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मायूस आखो में एक,

उम्मीद की आस बाकी!!

षडयंत्र का चक्रव्यूह,

शिक्षण पर हे हावी!!

प्रतिमाओ का मूल्य कहाँ?

शाम दाम दण्ड हे हावी!!

भ्रटाचार का बोलबाला,

आशाओ की ली वली!!

शिक्षा मित्रो पर मेहर क्यो?

प्रश्न काल में शून्य पर हावी!!

बी एड डिग्री धारको पर ग्रहण क्यो?

अंक तालिका का व्यूय हे हावी!!

मायूस आखो में क्यो? एक,

उम्मीद की आस हे बाकी!!

मैरिङ का छोङो चक्कर,

प्रतिमाओ का आंकलन हो!!

सबको एक शा हो अधिकार,

तपन से कुंदन दमकेगा!!!

जन समुदाय को खरा मिलेगा!!!

सब्र का बाँध टूट रहा है,

जमीं पर सैलाब आ न जायें!!

सत्ताधारी अब सभल जाओ,

जनमत आक्रोश बन न जायें!!

मैरिट लिस्ट की बोल बाला,

नकलचियो की पौ बारह!!

विद्धार्थियो पर मडराते बादल,

भविष्य को कैसे दे नया आयाम!!

सब नोकरी का यही चक्कर,

छोङो मैरिट का मकर जाल!!

दो सबको बराबर का अधिकार,

तपने दो प्रतिमाओ को तपन में!!

नये युग का भारत सभ्य हो,

अंक का मोहताज न हो!!!

प्रतिमाओ का भारत धनो हो,

सूर्यो से चमकता युगान्तर  हो!!

भविष्य पर देखकर खतरा,

अंश हीन के हाथो बागडोन!!

सोचकर धरा परेशान है,,,,,,,,,,

मायूस आखो मे आस एक,

उम्मीदो की आस हे बाकी!!

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