Menu
blogid : 19918 postid : 1168486

आँखो से अश्क बहते नहीं दिल तो रोता हैं

साहित्य दर्पण
साहित्य दर्पण
  • 64 Posts
  • 33 Comments

आँखो से बहते नहीं अश्क,दिल तो रोता है!
मुस्कान चहरे के पीछे,अरमानो पर पानी फिरता है!!
छुपाना भी चाहूँ लाख जहाँ से,खुद से मांगता हूँ जवाव!
कैसे कहूँ किससे कहूँ,दुनिया तो जादूगर है ….,,,,,,
शादिशो का तिलिस्म है,हर बात में एक राज है!
हर शक्स की दास्ता .,कुछ कहती है………
आँखो से अश्क बहते नहीं………………………….
ख़ुशी लगे सूरज की किरण,रोशनी चाह जगाती !
मगर पास जाते जाते जलायें जिया………….,,,
हर सपना टूटता है जैसे बना काँच का ताज!
हमदर्द जिसे समझते हैं दोस्त ,वक्त की रोनक में गुम हुऐ!
मिलता नहीं मुफ़्त सबक़ जाना,हर रिश्ते के पीछे स्वान्थ का डाका!!
हर शक्श की दास्ता हैं अपनी सी….लगे………….
आँखो से अश्क बहते नहीं दिल तो रोता है……….,,
मिल जाये हर पत्थर को मुकाम,ऐसा सबका नसीव तो नहीं!
मिल जायें मन चायी मुराद जिसको,खुद को राजा बाकी फकीर!
तिलिस्म के खेल में अहम बना किरदार,उम्मीद भी तोङती दम!
किस किस से सुनायें दास्ता ,हर शक्श की लगे अपनी दास्ता…..,,,,
आँखो से बहते नहीं अश्क ….दिल तो रोता है…….,,,,,
हर दर्द में झलकती अपनी कहानी,खुद अश्क पीता हूँ!
हारे शक्श को उम्मीद दिखाता हूँ,खुदर्गज के रिश्ते मत बहो!
मिली जिसके लिए काया ,वो कर्म तो करो……,,,
एक दिन बदलेगी कहानी .शादिशो के रिश्ते छोङ चलो!
माटी की काया से क्या उम्मीद करो ,,,तू प्रभु पर रख यकीन!
एक दिन बदलेगी तक़दीर ,तू चला है अकेला ….
एक दिन जहाँ होगा तेरे पीछे …….,,,…..,,.
तू प्रभु पर रख यक़ीन …,.एक दिन बदलेगी तकदीर,,,,,,,
आँखो से बहते नहीं अश्क ,दिम तो रोता है……..,,
मुप्कान चहरे के पीछे,,,अरमानो पर पानी फिरता है…..

Read Comments

    Post a comment