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धर्म से बढा राष्ट्र धर्म हे सिखा गये हैं!
भारत को सर्वशक्तिमान बना गये हे !!
मध्यवर्गीय से निकला ऐसा पारीजात पुष्प!
अपनी खुसबू से सबकों मोहित कर गये है!!
धन्य हे जननी धन्य हे पिता जैनुलाब्दीन!
15 अक्टूबर 1931 रामेश्वर पावन पर अवतरितं हुऐ!!
अब्दुल कलाम संघर्ष शक्ति का पाठ!
युवाओ में ऊर्जा भर पितामाह मार्गदशक बन गये !!
तुच्छ नहीं कोई काम अखबार वितरित सीख दी!
मस्जिद गली से रामेश्वर गलीं में गुजर जाते थें!!
पण्डित की हीन तीक्ष्ण नजर से न बच पाते थे!!
मंत्र उच्चारण की धुन एकाग्रता का पाठ सिखाती थी !
बना लिया था एकाग्रता को दृढ संकल्प!!
धर्म से बढा राष्ट्र धर्म हे सिखा गये हैं !
भारत को सर्वशक्तिमान बना गये हैं!!
मध्यवर्गीय से निकला ऐसा पारीजात पुष्प !
अपनी खुसबू से सबको मोहित कर गये हैं!!
कुशाग्र बुद्धि का ज्राता छात्रिवृति से शिखर बढा!
पथ आसान न था पग पग संघर्ष पूर्ण था !!
थका नहीं था भटका नहीं था पथ से कभी!
सपनो को साकार कर पहला प्रक्षेपास्त्र किया !!
श्रेय मिला अभी अभिलाषा थमी नहीं थी!
अग्नि मिसाईल पृथ्वी मिसाईल शिखर पर थे!!
मिसालमैन का नाम मिला गौरावित हुआ!
शाकाहारी ब्रहम्चर्य का अनुसरण करकें!!
एक अद्भुत अलौखिक लो जला गयें !!
धर्म से बढा राष्ट्रधर्म हैं सिखा गये हे !
भारत को सर्वशक्तिमान बना गये है!!
मध्यवर्गीय से निकला पारीजात पुष्प!
अपनी खुशबू से सबको मोहित कर गये हैं!!
11 वे राष्ट्रपति बनकर नया पैगाम दिया!
पोखरन में सफळ परीक्षण कर शक्तिशाली किया !!
रत्न से विभूषित शोभायमान भारतरत्न हुए!
अद्भुत खजाने के भण्डार डाँ कलाम जी!!
वार वार करू नमन राष्ट्र धर्म सिखा गये !!
बनके होशलो की मिसाल हृदयों में बस गयें!
धरा की आखो से बहे जा रहे हे अश्क अश्क !!
रत्न एक चला गया उम्मीद ही उम्मीद जगा गया!!
धर्म से बढा राष्ट्र धर्म हे सिखा गये है!
हर सास देश के लिए जिये अंत भी देश के लिए!!
भारत को सर्वशक्तिमान बना गये!!
मध्यवर्गीय से निकला पारीजात पुष्प!
अपनी खुशबू से सबको मोहित कर गयें !!
(आकाँक्षा जादौन)
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