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शंखनाद हो चुका बोर्डर के अध्याय से,

साहित्य दर्पण
साहित्य दर्पण
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शंखनाद हो चुका बोर्डर के अध्याय से,
आंतक के रक्त से पन्ने बेखोप लिख रहें!
भीगी बिल्ली बना पाक शेर की दहाड से,
बार्डर पार कर शेरो ने सेध लगाई रे!!
हक्का बक्का कर दिया जवडो के वार से,
चारो खाने चित्त किया शेरो की शमशेर से!!
रक्त की प्यासी बलिदानो की आवाज़ से,
मिटा देगे नाम हस्ती पाक को नक्से से!!
कायर नहीं सूरमाओ को पाले है माँ ने,
हिन्दुस्तान का वर्चस्व तिरंगा लहरायेगे!!
पाक की छाती पर गाड़ के शार्य मनायेगे,
वीर सपूतो की टोली का दमखम दिखायेगे!!
सत्ता पलट देगें चौखटा बदल बदलदेगे,
खोपनाक हो गये है मेेरे देश शेरे योद्धा!
पीछे नहीं हटेगे दाग़ देगे बारूद गोले,
चुन चुनके मार देगे सपोले हम हे नेवले!
आगाज हुआ है हिन्दुस्तान का टेलर,
अंत होगा खोपनाक जर्र जर्र होगा पाक!!
एक दशक के बाद मिला शेर दिल हिन्दुस्तान,
जिसकी परस्ती हर वासी को सुरक्षा का अभय!
चारों दिशाओ में हर क्षेत्र में यश फैलाया,
आज हर देश को शेरदिल पर है नाज!
लिया बदला अभी रूरी का और हे बकाया,
गिनती करते करते थक जायेगा तू पाक,
कबिस्तान भी पड़ जायेगे देखना कितने कम!
तुझको अपना होगा हिन्दुओ का एक उपाय,
समशान बन जायेगा तेरा कबिस्तान तब!!
तब दिखा परिमाणु का हमको ऐसा कहर,
तेरे तरकस में कुछ है परिमाणु है कहर!
हमारे तरकस में अनगिनत परिमाणु ,
हम थोड़ा सा जनता का कहर सहेगे!
तेरा तो नक्से से अस्तित्व मिटादेगे!!
गली गली लगने लगा है दीवानो का मेला,
पाक को मिटाने का सबने रंगा बंसती चौला!
वोरो का जजवा है अब न होगा ऐसे शान्त,
अंत होगा खोपनाक जर्र जर्र होगा पाक!!

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